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लेखनी प्रतियोगिता -29-Apr-2022

उम्र का सोच कर जज्बातों को मार नहीं सकते,

क्यूं बढ़ती उम्र में किसी से कर प्यार नहीं सकते।


यह प्यार मोहब्बत पर कभी काबू कहां रहता है,

कहां लिखा है शादीशुदा दिल हार नहीं सकते।


पत्नी घर के सारे कपड़े धोकर रख सकती है,

तो पुरुष क्यूं सूखे हुए कपड़े उतार नहीं सकते।


जो पूरी जिंदगी मकान को घर बनाने में लगा दें,

स्त्री के इस कर्ज को पुरुष विसार नहीं सकते।


रिश्तों के मायाजाल में ऐसे उलझी है जिंदगी

कि चाह कर भी इससे निकल पार नहीं सकते।

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6 Comments

Abhinav ji

02-May-2022 06:29 AM

Nice

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Shrishti pandey

01-May-2022 09:37 PM

Nice one

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Punam verma

01-May-2022 03:45 PM

Nice

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